कांग्रेस ने बाबा रामदेव के अनशन को निशाना बनाते हुए आरोप लगाया है कि यह अनशन निहित स्वार्थी राजनीतिक हितों के रिमोट से संचालित है. साथ ही भाजपा, आरएसएस और उनके अनेक अग्रिम संगठन अभियान के जरिये सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं.
पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ इस साझा लड़ाई को निहित राजनीतिक हितों को रिमोट से संचालित करने या हाईजेक करने की इजाजत दे दी गई. राष्ट्र यह देखकर हैरान है कि भाजपा, आरएसएस और उनके अग्रिम संगठन सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि रामलीला मैदान जैसे आंदोलन की रूपरेखा बनाकर उसे नियंत्रित और समन्वित करके वे न सिर्फ सरकार को बल्कि राष्ट्र को अस्थिर कर रहे हैं.
सिंघवी ने कहा, ‘‘वहां साध्वी ऋतम्भरा क्या कर रही हैं. रामलीला मैदान में भाजपा और आरएसएस के समर्थक हैं और वे इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं.’’ संवाददाताओं द्वारा यह पूछे जाने पर कि सरकार बाबा रामदेव से बातचीत क्यों कर रही है, उन्होंने कहा, हम समस्या को सुलझाना चाहते हैं, लेकिन हम नहीं चाहते कि कोई कोई अव्यावहारिक और अलोकतांत्रिक कदम उठाया जाये.
सिंघवी ने रामलीला मैदान में किये गये व्यापक इंतजाम पर भी सवाल उठाया, जहां लाखों लोगों के लिए खाने-पीने, रहने के लिए जरूरी सुविधायें उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि निजी जेट विमानों के अलावा अनशन के नाम पर परिवहन की व्यवस्था और पांच सितारा सुविधायें हैं. शहर के अंदर एक छोटा-सा शहर. उन्होंने सवाल किया कि इन चीजों के लिए कौन पैसे लगा रहा है.
उन्होंने कहा कि देश यह जानना चाहेगा कि जो लोग कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ बगावत कर रहे हैं वे कौन से सिद्धांत का पालन कर रहे हैं. सिंघवी ने इस बात पर जोर दिया कि संप्रग सरकार ने भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अनेक कदम उठाये हैं और साथ ही कहा कि इस मामले में उसका काम अतुलनीय है.
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